मुरसिद मेरा मरहमी, जिन मरम बताया ।
दिल अंदर दिदार है, खोजा तिन पाया ॥१॥
तसबी एक अजूब है, जामें हरदम दाना ।
कुंज किनारे बैठिके, फेरा तिन्ह जाना ॥२॥
क्या बकरी क्या गाय है, क्या अपनो जाया ।
सबकौ लोहू एक है, साहिब फरमाया ॥३॥
पीर पैगम्बर औलिया, सब मरने आया ।
नाहक जीव न मारिये, पोषनको काया ॥४॥
हिरिस हिये हैवान है, बस करिलै भाई ।
दाद इलाही नानका, जिसे देवै खुदाई ॥५॥