सहजोबाईजी - शरीर और संसार की वास्तविकता
सहजोबाई का संबंध चरणदासी संप्रदाय से है ।
झूठा नाता जगत का, झूठा है घर बास ।
यह तन झूठा देख कर, सहजो भई उदास ॥
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मिटते सूँ मत प्रीत करि, रहते सूँ करि नेह ।
झूठे कूँ तजि दीजिये, साँचे में करि गेह ॥
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Last Updated : December 19, 2023
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