प प्रदक्षिणा zoom_inSearch प्रदक्षिणा ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये । Tags: पूजा, pooja, प्रदक्षिणा, pradakshina Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP