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यक्ष

   { yakṣḥ, yakṣa }
Script: Devanagari

यक्ष     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
YAKṢA   
1) General.
A class of Semi-gods. There are chiefly three classes of inhabitants in Heaven:--Devas, Gaṇadevas and Upadevas. Gaṇadevas consist of the 12 Ādityas, 10 Viśvadevas, 8 Vasus, 36 Tuṣitas, 64 Ābhāsvaras, 49 Anilas 220 Mahārājikas, 12 Sādhyas and 11 Rudras. Among the Upadevas there are 10 subdivisions. They are, Vidyādharas, Apsaras, Yakṣas, Rākṣasas, Gandharvas, Kinnaras, Piśācas, Guhyakas, Siddhas and Bhūtas.
2) Origin.
There are different views relating to the origin of the Yakṣas. In [Mahābhārata, Ādi Parva, Chapter l] we find that the Yakṣas took birth after Brahmā's birth from “Virāṭ Puruṣa's” aṇḍa. According to a statement in [Agni Purāṇa, Chapter 19] , Yakṣas and Rākṣasas were born from Munī, the grand daughter of Kaśyapaprajāpati. Thus Yakṣas and Rākṣasas are related as brothers. In [Mahābhārata, Ādi Parva, Chapter 66, Verse 7] , there is another passage which says that Yakṣas are the progeny of the sage Pulastya.
3) Other details.
i) Once Śukadeva sang the story of Mahābhārata to the Yakṣas. [M.B. Ādi Parva, Chapter 1, Verse 108] .
(ii) Lakhs of Yakṣas remain in Kubera's assembly, worshipping him. [M.B. Sabhā Parva, Chapter 10, Verse 18] .
(iii) There are Yakṣas in Brahmā's assembly also. [M.B. Sabhā Parva, Chapter 11, Verse 56] .
(iv) Kubera is the King of Yakṣas. [M.B. Vana Parva, Chapter 111, Verse 10] .
(v) Bhīmasena once drove away Yakṣas and Rākṣasas. [M.B. Vana Parva, Chapter 16, Verse 57] .
(vi) On another occasion, Sunda and Upasunda defeated and persecuted the Yakṣas. [M.B. Vana Parva, Chapter 208, verse 7] .

यक्ष     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  कुबेर की निधियों के रक्षक,एक प्रकार के देवता   Ex. युधिष्ठिर ने यक्ष के सभी प्रश्नों का सही उत्तर दिया ।
HYPONYMY:
असोम नलकूबर मणिग्रीव सुमनोमुख सुप्रतीक मणिभद्र विद्युज्जिह्व वराहकर्ण निमेष फलकक्ष मंकलक सुमनास्य विशालक सत्यजित् शंखचूड़ प्रबालक दुर्मुख
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
पुण्यजन जच्छ जछ हेमनेत्र
Wordnet:
benযক্ষ
gujયક્ષ
kanಒಂದು ದೇವ ಜಾತಿ
kasیَش , جَچھ
kokयक्ष
malയക്ഷന്
marयक्ष
oriଯକ୍ଷ
panਯਸ਼
sanयक्षः
tamகுபேரனின் சேவகன்
telకుబేరుడు
urdیکچھ , پونیہ جن

यक्ष     

यक्ष n.  देवयोनि की एक जातिविशेष, जो पुलह एवं पुलस्त्य ऋषिओं की संतान मानी जाती है [म.आ.६०.५४१] । महाभारत में इन लोगों को ‘क्षूद्रदेवता’ कहा गया है, एवं कुबेर को इनका राजा कहा गया है [म.आ.१.३३] ;[व.१११.१०-११] । ये लोग कुबेर की सभा में लाखों की संख्या में उपस्थित रह कर, उसकी उपासना करते थे [म.स.१०.१८] । पद्म के अनुसार, ब्रह्मा के पॉंचवें शरीर से यक्ष एवं राक्षस उत्पन्न हुये । इन्हे कोई माता न थी, क्यों कि, ब्रह्मा ने अपने मनःसामर्थ्य से इन्हे उत्पन्न किया था (ब्रह्मन् देखिये) । उत्पन्न होत ही इन्होंने ब्रह्मा से पूछा, ‘हमारा कर्तव्य क्या हैं?’ (किं कुर्भः) । फिर ब्रह्मा ने इन्हे कहा, ‘तुम यज्ञ करो’ (यक्षध्वम्) । इसीकारण इन्हे ‘यक्ष’ नाम प्राप्त हुआ [वा.रा.उ.४.१३] । यक्ष नाम की यह उपपति कल्पनारम्य प्रतीत होती हैं । केन उपनिषद में ‘यक्ष’ शब्द का अर्थ ‘आदि कारण ब्रह्म’ दिया गया है । ये लोग विद्याधरों के निवासस्थान के नीचे मेरु पर्वत के समीप रहते थे । महाभारत एवं पुराणों में निम्नलिखित यक्षों का निर्देश प्राप्त हैः
यक्ष II. n.  एक यक्ष, जिसने पाण्डवों के वनवासकाल में युधिष्ठिरादि पाण्डवों को तत्त्वज्ञानविषयक प्रश्न पूछे थे [म.व.२९८.६-२५] । ये सारे प्रश्न धर्म ने यक्ष का वेष धारण कर पूछे थे (धर्म १. देखिये) ।
यक्ष III. n.  एक राक्षस, जो कश्यप एवं खशा का पुत्र था । इसका जन्म संध्यासमय में हुआ था । अपने बाल्यकाल में यह अपनी माता को खाने के लिए दौडा । किन्तु इसके छोटे भाई रक्षस् ने इसका निवारण किया ।
यक्ष III. n.  ब्रह्मांड में इसका स्वरुपवर्णन प्राप्त है, जहॉं इसे विलोहित, एककर्ण, मुंजकेश, ह्रस्वास्य, दीर्गजिह्र, बहुदंष्ट्र, महाहनु, रक्तपिंगाक्षपाद, चतुष्पाद, दो गतियों का, सारे शरीर पर बालवाला, चतुर्भुज, सुंदर नाकवाला, एवं बडे मुँहवाला कहा गया है [ब्रह्मांड.३.७.४२]
यक्ष III. n.  इसकी पत्नी का नाम जंतुधना था, जो शंड नामक असुर की पत्नी थी [ब्रह्मांड.३.७.८६] । अपनी इसे पत्नी से, इसे ‘यातुधान’ सामूहिक नाम धारण करनेवाले राक्षस पुत्ररुप में उत्पन्न हुयें (यातुधान देखिये) । एक बार इसने वसुरुचि नामक गंधर्व का रुप ले कर्म, ऋतुस्थला अप्सरा से संभोग किया, जिअसे इसे रजतनाभ नामक पुत्र उत्पन्न हुआ [ब्रह्मांड.३.७.१-१२] । पुत्र जन्म के पश्चात्, इसने क्रतुस्थला को अप्सरागणों में लौटा दिया ।
यक्ष IV. n.  एक व्यास (व्यास देखिये) ।

यक्ष     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  कुबेराच्या पयशांचो राखणदार, एक देव   Ex. युधिष्ठिरान यक्षाच्या सगल्या प्रश्नांच्यो सारक्यो जापो दिल्यो
HYPONYMY:
असोम नलकुबर मणिग्रीव मंकलक सुमनास्य सुमनोमूख सुप्रतीक मणिभद्र विद्युज्जिह्व वराहकर्ण निमेष फलकक्ष विशालक सत्यजीत शंखचूड प्रबालक दुर्मुख
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benযক্ষ
gujયક્ષ
hinयक्ष
kanಒಂದು ದೇವ ಜಾತಿ
kasیَش , جَچھ
malയക്ഷന്
marयक्ष
oriଯକ୍ଷ
panਯਸ਼
sanयक्षः
tamகுபேரனின் சேவகன்
telకుబేరుడు
urdیکچھ , پونیہ جن

यक्ष     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
A class of demigods or minor deities, or an individual of it. They are employed esp. in the care of the gardens and treasures of कुबेर.

यक्ष     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 m  A class of demigods.
यक्षिणी  f  A female of the class of demigods.

यक्ष     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  कुबेराच्या खजिन्यावर वा बागेवर नेमलेले सेवक, एक देवयोनी   Ex. युधिष्ठिराने यक्षाच्या सर्व प्रश्नांची अचूक उत्तरे दिली
HYPONYMY:
वराहकर्ण निमेष सुप्रतीक विशालक सत्यजित शंखचूड दुर्मुख असोम नलकूबर मणिग्रीव सुमनोमुख मणिभद्र विद्युज्जिह्व फलकक्ष सुमनास्य मंकलक प्रबालक
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benযক্ষ
gujયક્ષ
hinयक्ष
kanಒಂದು ದೇವ ಜಾತಿ
kasیَش , جَچھ
kokयक्ष
malയക്ഷന്
oriଯକ୍ଷ
panਯਸ਼
sanयक्षः
tamகுபேரனின் சேவகன்
telకుబేరుడు
urdیکچھ , پونیہ جن

यक्ष     

 पु. एक देवयोनि ; उपदेवता ; कुबेराचा सेवक ( हे यक्ष कुबेराच्या खजिन्यावर किंवा बागेवर नेमलेले असतात . ) [ सं . यक्ष = पूजा करणें ]
०कर्दम  न. सुगंधी उटी ; सुवासिक उटणें ; कुंकुम , अगरु , कस्तूरी , कर्पूर आणि चंदन अशा पंचद्रव्यांचें हें उटणें असतें . यक्षकर्दम डवरिले सरिसे । - भाए ४४३ .
०धन  न. पुरुन ठेवलेलें द्रव्य ; ठेवा ; सांठा ; ज्याचा उपयोग न करतां ज्याचें फक्त रक्षण करावयाचें असें धन . तैसेंचि कृपणाचें यक्षधन । नाहीं दान धर्मरक्षण । त्यातें तस्कर नेती मारुन । - एभा ८ . १४९ .
०धूप  पु. राळ ; सर्जरस .
०प  पु. कुबेर [ यक्ष + प ; पा = रक्षण करणें ; ]
०वित्त  न. यक्षधन पहा . उपभोग न घेतां फक्त रक्षण केलेलें द्रव्य . यक्षिणी स्त्री . यक्षाची स्त्री ; यक्षस्त्री . या मंत्रतंत्राच्या सहायानें मनुष्यास वश होऊन अलौकिक सामर्थ्य देतात . यक्षिणीची कांडी स्त्री . यक्षिणीची मंत्र सामर्थ्ययुक्त काठी ; जादू , मंत्रविद्या . यक्षिणीची कांडी फिरणें अकल्पित रीतीनें स्थिति पालटणें .

यक्ष     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
यक्ष  n. n. a living supernatural being, spiritual apparition, ghost, spirit, [RV.] ; [AV.] ; [VS.] ; [Br.] ; [GṛŚrS.] (accord. to some native Comms. = यज्ञ, पुजा, पूजित &c.)
यक्ष  m. m.N. of a class of semi-divine beings (attendants of कुबेर, exceptionally also of विष्णु; described as sons of पुलस्त्य, of पुलह, of कश्यप, of खसा or क्रोधा; also as produced from the feet of ब्रह्मा; though generally regarded as beings of a benevolent and inoffensive disposition, like the यक्ष in कालिदास's मेघ-दूत, they are occasionally classed with पिशाचs and other malignant spirits, and sometimes said to cause demoniacal possession; as to their position in the Buddhist system See, [MWB. 206, 218] ), [Up.] ; [GṛS.] ; [Mn.] ; [MBh.] &c.
(with जैनs) a subdivision of the व्यन्तरs
N. of कुबेर, [VarYogay.]
of a मुनि, [R.]
of a son of श्वफल्क, [VP.]
of इन्द्र's palace, [L.]
a dog, [L.]

यक्ष     

यक्षः [yakṣḥ]   [यक्ष्यते, यक्ष्-कर्मणि घञ्]
 N. N. of a class of demigods who are described as attendants of Kubera, the god of riches, and employed in guarding his gardens and treasures; यक्षोत्तमा यक्षपतिं धनेशं रक्षन्ति वै प्रासगदादिहस्ताः Hariv.; [Me.68;] [Bg.1.23;11.22.]
A kind of ghost or spirit; तन्न व्यजानन्त किमिदं यक्षमिति [Ken.3.2.]
 N. N. of the palace of Indra.
 N. N. of Kubera.
Worship.
A dog.
क्षम् A ghost.
Sacrifice.
Anything honoured.
क्षी A female Yakṣa.
 N. N. of Kubera's wife.
The Yakṣa. class; अल्पवीर्या यदा यक्षी श्रूयते मुनिपुंगव [Rām.1.25.2.] -Comp.
-अधिपः, -अधिपतिः, -इन्द्रः   Kubera, the lord of Yakṣas.-आमलकम् the fruit of the पिण्डखर्जूर tree.
-आवासः   the fig-tree.
-कर्दमः   an ointment consisting of camphor, agallochum, musk and Kakkola (according to others, also sandal and suffron) mixed in equal proportions; यक्षकर्दममृदून्मृदिताङ्गं ... सिषिचुरुच्चकुचास्तम् [N.21.7;] (कर्पूरागुरु- कस्तुरीकक्कोलैर्यक्षकर्दमः Ak.; कुङ्कुमागुरुकस्तूरी कर्पूरं चन्दनं तथा । महासुगन्धमित्युक्तं नामतो यक्षकर्दमः ॥).
-ग्रहः   the being possessed by Yakṣas or evil spirits; a kind of insanity.
-धूपः   resin, incense.
-बलिः   a particular nuptial ceremony.
-रसः   a kind of intoxicating drink.-राज् m.
 N. N. of Kubera; प्रतिसिञ्चन् विचिक्रीडे यक्षीभिर्यक्षराडिव [Bhāg.1.9.9.]
a place prepared for wrestling and boxing.
-रात्रिः  f. f. the festival called Dīpāli, q. v.
-वित्तः   one who is like a Yakṣa,i. e. the guardian of wealth, but who never uses it; तस्यैवं यक्षवित्तस्य च्युतस्योभयलोकतः [Bhāg.11.23.9.]

यक्ष     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
यक्ष  m.  (-क्षः)
1. A demi-god, attendant especially on KUVERA, and em- ployed in the care of his gardens and treasures.
2. A name of KUVERA.
3. The residence of INDRA.
 f.  (-क्षी) The wife of KUVERA.
E. यक्ष् to worship, aff. घञ्.
ROOTS:
यक्ष् घञ्

Related Words

यक्ष   यक्ष प्रश्न   حلنہٕ گوٚمُت مَسلہٕ   यक्षप्रश्न   ಯಕ್ಷ ಪ್ರಶ್ನೆ   यक्ष-रात्रि   குபேரனின் சேவகன்   ಒಂದು ದೇವ ಜಾತಿ   যক্ষ   ଯକ୍ଷ   યક્ષ   ਯਸ਼   यक्षः   യക്ഷന്   కుబేరుడు   गंडकंडू   जच्छ   जछ   कस्तुंबुरु   कङ्कालिन्   कपर्दयक्ष   अर्चिनेत्राधिपति   कृमिसेन   सुखमुख   सुबाहुक   भिषायक   महासेनाव्यूहपराक्रम   ताम्रौष्ठ   रथकृच्छ्र   रथचित्र   रथभृत्   रथमित्र   वृक्षवास्यनिकेत   वृक्षावासिन्   सर्वस्थानगवाट   सातागिरि   कनककुण्डला   निधानेश   मणिवरा   महायक्षी   प्रदीप्ताक्ष   सुवर्णप्रभास   दिवौकस   माणिचार   मेरुबलप्रमर्दिन्   दंष्ट्रानिवासिन्   धूमलेखा   नीलाद   यक्षकूप   यक्षीत्व   रत्नवर्ष   रथकृत्   मणिदर   मणिस्त्रग्विन्   महाघोषेश्वर   वज्रदृढनेत्र   आसारण   अंगचूड   अथौजस्   कृमिश   सुमनोमूख   ज्योतिर्लेखा   पाञ्चिक   यक्षक   मर्त्यमुख   महायक्षसेनापति   सहजन्य   हेमनेत्र   सुमनास्य   महायक्ष   अश्वक्रन्द   गण्डकण्डु   क्षमाकर   कूर्मपृष्ठ   प्रबालक   जृंभक   दीप्तशिख   माणिभद्र   पिंगलक   फलकक्ष   फलभक्ष   यक्षरस   यक्षामलक   यक्षेश   याक्ष   रथौजस्   मचक्रुक   मणिमंत्र   मदनमञ्जरी   महामुद   पुष्पातन   पूर्वयक्ष   पूर्व्वयक्ष   श्र्वेमभद्र   संयोधकंटक   वराहकर्ण   सुमनोमुख   हंसचूड   रथस्वन   शिखावर्त   
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