नाथ् [nāth] 1 P. (नाथति, but sometimes Ā. also)
To ask, beg, solicit for anything (with dat. or two acc.); मोक्षाय नाथते मुनिः Vop.; नाथसे किमु पतिं न भूभृतः
[Ki.13.59;] संतुष्ट- मिष्टानि तमिष्टदेवं नाथन्ति के नाम न लोकनाथम्
[N.3.25;] वनं न यायादिति नाथमानः
[Bu. Ch.2.54.] To have power, be master, prevail.
To harass, trouble.
To bless, wish well to, give blessings to; (said to be Ātm. only in this sense); धृत्या नाथस्व वैदेहि...
[Bk.8.12;] नाथितशमे
[Mv.1.11;] (Mammaṭa quotes the line दीनं त्वामनुनाथते कुचयुगं पत्रावृतं मा कृथाः to show that नाथ् here only means 'to ask or beg', and says that नाथते should, therefore, be नाथति); सर्पिषो नाथते
[Sk.]