दुर्गा सप्तशती - कुमारीपूजा

दुर्गा सप्तशतीचा पाठ केल्याने जीवनातील सर्व पापे नष्ट होऊन मुक्ति मिळते.

॥ अथ कुमारीपूजा ॥
यजमानः पूजयेच्च कन्यानां नवकं शुभम् ॥ द्विवर्षाद्या दशाब्दांताः कुमारीः परिपूजयेत् ॥१॥ ( अर्थादेकहायनाल्पवयस्कावर्ज्याः ॥ ) ता आसने उपवेश्यावाह्येदग्रिममंत्रेणमंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रुपधारिणीम् ॥ नवदुर्गात्मिकां साक्षात्कन्यामावाहयाम्यहम् ॥१॥
अनेनैव मंत्रेण नवापि आवाहयेत् ॥ अशक्तौ यथाशक्ति एकामपि ॥  अथ नवानां पूजामंत्राः ॥ द्विहायना कुमारीसंज्ञकाह, तन्मंत्रः - सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिस्वरुपिणि ॥ पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोऽस्तुते ॥२॥
त्रिहायना त्रिमूर्तिः, तन्मंत्रः-- त्रिपुरां त्रिपुराधारां त्रिवर्षा ज्ञानरुपिणीम् ॥ त्रैलोक्यवंदितां देवीं त्रिमूर्ति पूजयाम्यहम् ॥३॥
चतुर्वर्षा कल्याणी, तत्पूजामंत्रः - कलात्मिकां कलातीतां कारुण्यहदयां शिवाम् ॥ कल्याणजननीं देवीं कल्याणीं पूजयाम्यहम् ॥४॥
पंचवर्षा रोहिणी, तत्पूजामंत्रः- अणिमादिगुणाधारामकाराद्यक्षरात्मिकाम् ॥ अनंतशक्तिकां लक्ष्मीं रोहिणीं पूजयाम्यहम् ॥५॥
षङ्वर्षाकालिका, तत्पूजामंत्रः- कामचारां शुभां कांतां कालचक्रस्वरुपिणीम् ॥ कामदां करुणोदारां कालिकां पूजयाम्यहम् ॥६॥
सप्तवर्षा चंडिका, तत्पूजामंत्रः- चंडवीरां चंडमायां चंडमुंडप्रभंजनीम् ॥ पूजयामि सदा देवीं चंडिकां चंडविक्रमाम् ॥७॥
अष्टवर्षा शांभवी, तत्पूजामंत्रः- सदानंदकरीं शांतां सर्वदेवनमस्कृताम् ॥ सर्वभूतात्मिकां लक्ष्मीं शांभवीं पूजयाम्यहम् ॥८॥
नवहायना दुर्गा, तत्पूजामंत्रः- दुर्गमे दुस्तरे कार्ये भवदुःखविनाशिनीम् ॥ पूजयामि सदा भक्त्या दुर्गी दुर्गार्तिनाशिनीम् ॥९॥
दशवर्षा सुभद्रा, तत्पूजामंत्रः- सुंदरीं स्वर्णवर्णाभां सुखसौभाग्यदायिनीम् ॥ सुभद्रजननीं देवीं सुभद्रां पूजयाम्यहम् ॥१०॥
इति प्रत्येकं मंत्रांते तत्तन्नाममंत्रेण नवापि षोडशोपचारैः पंचोपचारैर्वा पूजयेत्

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Last Updated : June 17, 2009

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