आश्विन कृष्णपक्ष व्रत - संन्यासीय श्राद्ध

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


संन्यासीय श्राद्ध

( मदनपारिजातमें वायु - पुराणका वचन ) -

पुत्रको चाहिये कि उसका पिता यदि यति ( संन्यासी ) या वनवासी हो तो आश्विन कृष्ण द्वादशीको उसके निमित्त श्राद्ध करे । १

यतीनां च वनस्थानां वैष्णवानां विशेषतः ।

द्वादश्यां विहितं श्राद्धं कृष्णपक्षे विशेषतः ॥ ( पृथ्वीचन्द्रोदयसंग्रहे )

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Last Updated : January 21, 2009

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