हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|आश्विनके व्रत|आश्विन कृष्णपक्ष व्रत| पुत्रीयव्रत आश्विन कृष्णपक्ष व्रत पितृव्रत संकष्टचतुर्थी पुत्रीयव्रत कृष्णैकादशी संन्यासीय श्राद्ध आश्विन कृष्णपक्ष व्रत - पुत्रीयव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : ashwinfestivalvratआश्विनमहिनाव्रतसण पुत्रीयव्रत Translation - भाषांतर पुत्रीयव्रत ( हेमाद्रि ) - आश्विन कृष्ण अष्टमीको प्रातःस्त्रानादि करके वासुदेवका पूजन करे । घी और खीरकी आहुति दे और जिस स्त्रीको पुत्रकी कामना हो, वह पुरुष - नामके - केले, अमरुद, सीताफल और खरबूजा आदि और जिसको कन्याकी कामना हो, वह स्त्री - नामके - नारंगी, अनार, कमरख और जामुन आदिका एक बार भोजन करे । इस प्रकार वर्षपर्यन्त करनेसे पुत्र होता है । इसी तिथिको ' जीवत्पुत्रिकाव्रत ' भी किया जाता है । इस व्रतका आचरण पुत्रकी जीवन - रक्षाके उद्देश्यसे होता है । N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP