फाल्गुनी अमा
( लिङ्गपुराण ) - फाल्गुन कृष्ण अमावस्याको रुद्र, अग्नि और ब्राह्मणोंका पूजन करके उन्हें उड़द, दही और पूरे आदिका नैवेद्य अर्पण करे और स्वयं भी उन्हीं पदार्थोका एक बार भोजन करे । यदि ' अमा सोमे शनौ भौमे गुरुवारे यदा भवेत् । तत्पर्वं पुष्करं नाम सूर्यपर्वशताधिकम् ॥' अर्थात् अमावास्याके दिन सोम, मंगल, गुरु या शनिवार हो तो यह सूर्यग्रहणसे भी अधिक फल देनेवाली होती है । फाल्गुनी अमाके दिन युगका प्रारम्भ होनेसे इस दिन पित्रादिकोंका अपिण्ड श्राद्ध करना चाहिय ।