नीलध्वज n. हस्तिनापुर के दक्षिण में नर्मदा नदी के किनारे स्थिति माहिष्मती नगरी का राजा
[जै.अ.१४.१४] । महाभारत में निर्दिष्ट नील राजा एवं यह दोनों संभवतः एक ही होंगे (नील ७. देखिये) । ‘जैमिनि अश्वमेध’ के अनुसार, इसकी पत्नी का नाम सुनंदा, एवं पुत्र का नाम प्रवीर था । पांडवों के द्वारा छोडा गया अश्वमेधीय अश्व प्रवीर ने पकड लिया, एवं अश्वरक्षर्णार्थ नियुक्त किये वृषकेतु को पराजित किया । किंतु पश्चात् अनुशाल्व ने प्रवीर को पराजित किया । फिर नीलध्वज स्वयं युद्धभूमि में प्रविष्ट हुआ, एवं उसका अर्जुन से घमासान युद्ध प्रारंभ हुआ । अपने ससुर नीलध्वज की सहायता के लिये, अग्नि युद्धभूमी में प्रविष्ट हुआ, एवं वह अर्जुन की सेना को दग्ध करने लगा । अर्जुन अग्नि की शरण में गया । फिर अग्नि ने नीलध्वज एवं अर्जुन, इन दोनों के बीच में मित्रत्व स्थापित किया । बाद में, नीलध्वज अर्जुन की सहायता के लिये, उसके साथ दक्षिणदिग्विजय में शामिल हुआ
[जै. अ.१४.१४] ।