कज्जलीतृतीया
( कृत्यरत्नावली ) -
यद्यापि यह व्रत वाक्य - विशेष या देश - भेदसे श्रावणमें किया जाता है, किंतु भाद्रपद कृष्ण तृतीयाको व्यापकरुपमें होता है । माहेश्वरी वैश्य इस दिन जौ, गेहूँ, चने और चावलके सत्तूमें घी, मीठा और मेवा डालकर उसके कई पदार्थ बनाते और चन्द्रोयके बाद उसीका एक बार भोजन करते हैं । इस कारण यह व्रत ' सातूड़ी तीज ' अथवा ' सतवा तीज ' कहलाता है ।