हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|पौषके व्रत|पौष कृष्णपक्ष व्रत| संकष्टचतुर्थी पौष कृष्णपक्ष व्रत संकष्टचतुर्थी रुक्मिणी अष्टमी कृष्णैकादशी सुरुपद्वादशी पौष कृष्णपक्ष व्रत - संकष्टचतुर्थी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalpaushavratपौषमहिनाव्रतसण संकष्टचतुर्थी Translation - भाषांतर संकष्टचतुर्थी ( भविष्योत्तर ) - पौष कृष्ण ( चन्द्रोदयव्यापिनी पूर्वविद्धा ) चतुर्थीको गणपति - स्मरणपूर्वक प्रातःस्त्रानादि नित्यकर्म करनेके पश्चात् ' मम सकलाभीष्टसिद्धये चतुर्थीव्रतं करिष्ये ' इस प्रकार संकल्प करके दिनभर मौन रहे । रात्रिमें पुनः स्त्रान करके गणपति - पूजनके पश्चात् चन्द्रोदयके बाद चन्द्रमाका पूजन करके अर्घ्य दे, फिर भोजन करे । N/A References : N/A Last Updated : January 01, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP