यह तालिका विभिन्न राजाओं के समकालीनत्व का ख्याल रख कर दी गयी है, एवं हर
एक राजा की पीढी का स्पष्ट रुप से निर्देश किया गया है, जहाँ वैवस्वत मनु
की पीढी पहली मानी गयी है । इस तालिका के निरीक्षण के लिए निम्नलिखित
सूचनाएँ महत्त्वपूर्व प्रतीत होती है : -
-
पौराणिक साहित्य में निर्दिष्ट राजाओं की तालिका संपूर्ण
नहीं है, एवं उनमें बहुत सारे नाम अप्राप्य हैं । पौराणिक साहित्य में से
सबसे प्रदीर्घ इक्ष्वाकुवंश भी इस न्यूनता से अलिप्त नहीं है । पौराणिक
साहित्य में अप्राप्य राजाओं के नाम तालिका में ( ... ) इस प्रकार बताये
गये हैं ।
-
जिन राजाओं की समकालीनता स्पष्टरुप से सिद्ध हो चुकी है,
उनके नाम तालिका में स्पष्ट अक्षरों में दिये गये हैं, एवं जिनकी समकालीनता
केवल तर्काधिष्ठित ही है, उनके नाम सादे अक्षरों में दिये गये है ।
- इन राजाओं में से जिन राजाओं का निर्देश वैदिक साहित्य में प्राप्त है, उनके आगे ( * ) चिन्ह लगाया गया है ।
- तालिकाओं
में निर्दिष्ट प्रमुख राजाओं के समकालीनता के प्रमाण जब ‘ प्राचीन
चरित्रकोश ’ में दिये गये उन व्यक्तियों के चरित्र में प्राप्त हैं, उनके
नाम अधोरेखांकित किये गये हैं । इसी कारण समकालीनता का स्पष्टीकरण तालिकाओं
में नहीं दिया गया है ।
-
तालिका के दाहिनी एवं बायी ओर दिये गये क्रमांक पीढीयों के निर्देशक नहीं, बल्कि अनुक्रम के निर्देशक हैं ।
-
पौराणिक साहित्य, रामायण एवं महाभारत में प्राप्त
वंशावलियों में उन्हीं राजपुरुषों के एवं राजाओं के नाम दिये गये हैं, जो
राजगद्दी पर अधिष्ठित थे । राजपरिवार के अन्य सदस्यों के, अथवा वर्णांतर से
ब्राह्मण वैश्यादि हुए राजाओं के नाम वहाँ अप्राप्य है ।
-
इसी कारण इक्ष्वाकु, निमि एवं है हय वंश में से अनेक राजपुरुषों के नाम इस वंशावलि में नहीं दिये गये हैं ।
-
तालिका के चौदहवे स्तंभ में दिये गये संभाव्यकाल परंपरागत
पौराणिक साहित्य में प्राप्त परंपरा के अनुसार दिये गये हैं ।
*चिन्हांकित राजाओं के प्रस्तरलेख अथवा सिक्के उपलब्ध हैं, जिनके कारण उनकी ऐतिहासिकता सुनिश्चित है ।
0 |
संभाव्य काल |
सू. इ. (अयोध्या) |
सू. निमि. (मिथिला) |
सू. दिष्ट. (वैशाली) |
सो. अमा.
(कान्यकुब्ज) |
सो. पुरुरवस्
(प्रतिष्ठान) |
सो. तुर्वसु. |
सो. द्रुह्यु. |
सो. सह.
(हैहय) (महिष्मती) |
सो. यदु. |
सो. अनु. |
सो. अनु. तितिक्षु |
सो. क्षत्र (काशी) |
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
1 |
इ. पू.
३१०० |
मनु |
मनु |
मनु |
मनु |
मनु |
|
|
|
|
|
|
मनु |
हिरण्याक्ष,
हिरण्यकशिपु |
2 |
|
*इक्ष्वाकु |
*इक्ष्वाकु |
*नाभानेदिष्ट |
इला |
इला |
|
|
|
|
|
|
इल |
प्रल्हाद |
3 |
|
विकुक्षि (शशाद) |
निमि |
|
पुरुरवस् |
*पुरुरवस् |
|
|
|
|
|
|
पुरुरवस् |
बलि |
4 |
|
ककुत्स्थ |
|
|
अमावसु |
आयु |
|
|
|
|
|
|
आयु |
विप्रचित्ति,
तारक |
5 |
|
अनेनस् |
मिथि जनक |
*भलंदन |
|
*नहुष, रजि |
|
|
|
|
|
|
क्षत्रवृद्ध |
वृषपर्वन् |
6 |
इ. पू.
३००० |
पृथुरोमन् |
|
*वत्सप्री |
भीम |
ययाति |
|
|
|
|
|
|
|
पण्डामर्क,
देवासुर,
संग्राम |
7 |
|
विश्वरंधि |
|
|
|
*पूरु |
*तुर्वसु |
द्रुह्यु |
*यदु |
*यदु |
*अनु |
|
सुनहोत्र, प्रति |
|
8 |
|
चंद्र (आर्द्र) |
उदावसु |
प्रांशु |
|
जनमेजय १. |
|
|
सहस्रजित् |
क्रोष्टु |
|
|
क्षेत्र |
|
9 |
|
युवनाश्व १. |
|
|
कांचनप्रभ |
प्राचीन्वत् (अविद्ध) |
|
|
|
|
|
|
काश्य |
|
10 |
|
शा (श्रा) वस्त |
|
प्रजानि |
|
प्रवीर |
|
|
शतजित् |
वृजिनीवत |
|
|
काशिराज |
|
11 |
|
|
नंदिवर्धन |
|
|
अविद्ध |
|
|
|
|
|
|
राष्ट्र |
|
12 |
|
|
|
खनित्र |
सुहोत्र १. |
मनस्यु |
वह्नि |
बभ्रु |
हैहय |
स्वाहि |
सभानर |
|
दीर्घतपस् |
|
13 |
|
|
|
क्षुप |
|
अभय |
|
|
|
|
|
|
धर्म |
|
14 |
|
बृहदश्व |
सुकेतु |
विंश |
|
सुद्युम्न, धुंधु |
|
|
धर्मनेत्र |
रशादु |
|
|
धन्वतरि |
|
15 |
|
कुवलयाश्व |
|
विविश |
जह्नु |
बहुगवि |
|
|
कुंति |
|
|
|
|
|
16 |
|
दृढाश्व |
|
|
|
|
|
|
साहंजि |
|
|
|
केतुमत् |
|
17 |
|
प्रमोद |
देवरात |
|
सुहोत्र २. |
संयाति |
|
सेतु |
महिष्मत् |
चित्ररथ |
कालानल |
|
|
|
18 |
|
हर्यश्व १. |
|
खनिनेत्र |
|
|
भर्ग |
|
|
|
|
|
भीमरथ |
|
19 |
|
निकुंभ |
|
|
अजक |
भद्राश्व (रौद्राश्व) |
|
|
भद्रश्रेण्य |
|
|
|
दिवोदास १. |
|
20 |
|
बर्हणाश्व |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
अष्टारथ |
|
21 |
|
(संहताश्व) |
|
|
बलाकाश्व |
ऋतेयु (ऋचेयु) |
|
|
|
|
|
|
|
|
22 |
|
कृशाश्व |
|
अतिभूति |
|
|
|
|
|
|
सृंजय |
|
|
|
23 |
|
प्र (सेनजित्) रेणु |
|
करंधम |
कुश |
अन्तिनार |
भोनाग |
रिपु (मांधातृ) |
|
|
|
|
|
|
24 |
|
युवनाश्व २. |
|
अविक्षित् |
|
तंसु |
|
|
|
शशबिन्दु |
|
|
|
|
25 |
इ. पू.
2750 |
*मांधातृ |
बृहद्रथ |
मरुत्त |
कुशाश्व,
कुशिक |
|
|
अंगार |
दुर्दम |
|
|
|
|
|
26 |
|
*पुरुकुत्स |
|
नरिष्यन्त |
*गाधि किंवा |
|
|
गांधार |
|
|
पुरंजय |
|
|
|
27 |
|
*त्रसदस्यु |
|
दम |
*गाथिन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
28 |
|
(संभूत) |
महावीर्य |
राज्यवर्धन |
|
|
|
धर्म |
|
पृथुश्रवस् |
|
|
|
|
29 |
|
अनरण्य |
|
सुधृति |
|
|
|
|
|
(तम) |
जनमेजय |
|
|
रावण |
30 |
|
त्रसदश्व |
|
नर |
|
|
|
धृत |
धनक (कनक) |
|
|
|
|
|
31 |
|
हर्यश्व २. |
|
केवल |
|
|
त्रिसानु |
|
|
उशनस् |
महाशाल |
|
|
|
32 |
|
(वसुमत् और
वसुमनस्) |
सुधृति |
बंधुमत् |
|
|
करंधम |
|
|
[ शिनेयु ] |
|
|
|
|
33 |
|
त्रिधन्वन् |
|
वेगवत् |
|
|
|
दुर्गमा |
वृतवीर्य |
मरुत्त |
महामनस् |
|
हर्यश्व |
|
34 |
|
*त्रैय्यारुण |
|
बुध |
|
|
|
|
|
कंबलबर्हिष |
उशीनर |
तितिक्षु |
|
वृष जान |
35 |
|
त्रिबंधन |
|
तृणबिंदु |
|
|
|
|
|
रुक्मकवच |
शिबि |
|
सुदेव |
|
36 |
|
|
|
विशाल (विश्रवस) |
|
|
|
प्रचेतस् |
|
|
|
|
|
|
37 |
इ. पू.
2550 |
सत्यव्रत त्रिशंकु |
धृष्टकेतु |
हेमचंद्र |
विश्वामित्र |
|
*मरुत्त |
|
वार्तवीर्य |
(परावृत्त) |
|
|
*दिवोदास २. |
|
0 |
संभाव्य काल |
सू. इ. (अयोध्या) |
सू. निमि.
(मिथिला) |
सू. दिष्ट. (वैशाली) |
सो. अमा.
(कान्यकुब्ज) |
सो. पुरुरवस्
(प्रतिष्ठान) |
सो. तुर्वसु. |
सो. द्रुह्यु. |
सो. सह.
(हैहय) (महिष्मती) |
सो. यदु. |
सो. अनु. |
सो. अनु. तितिक्षु |
सो. क्षत्र (काशी) |
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
0 |
संभाव्य काल |
सू. इ.
(अयोध्या) |
सू. निमि.
(मिथिला) |
सू. दिष्ट.
(वैशाली) |
सो. अमा.
(कान्यकुब्ज) |
सो. पुरुरवस्
(प्रतिष्ठान) |
सो. तुर्वसु. |
सो. नील. |
सो. सह.
(हैहय)
(महिष्मती) |
सो. यदु. |
सो. अनु. |
सो. अनु. तितिक्षु |
सो. क्षत्र (काशी) |
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
38 |
|
*हरिश्चंद्र |
|
सुचंद्र |
|
|
|
|
(वृषण) |
ज्यामघ |
केकय (गोपति) |
|
|
|
39 |
|
रोहित |
|
|
मधुच्छंदस
(अष्टक लौहि) |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
40 |
|
हरित, चंप |
|
|
|
|
*दुष्यन्त |
|
जयध्वज |
विदर्भ |
मद्रक |
|
|
|
41 |
|
विजय |
हर्यश्व |
|
|
|
शरुथ |
|
|
क्रथ |
|
वृषद्रथ |
|
|
42 |
|
भरुक |
मरु |
|
नय |
|
जनापीड |
|
|
कुंति |
|
|
|
|
43 |
|
वृक |
|
|
|
|
(आंडीर) |
|
|
धृष्ट |
|
सेन |
|
|
44 |
|
बाहु (फल्गुतंत्र) |
प्रतीपक |
धूम्राश्च |
|
|
पांड्यादि |
|
तालजंघ
वीतिहोत्र |
निर्वृति |
|
|
|
|
45 |
|
सगर |
|
|
|
|
|
|
(* वीतहव्य) |
(विदूरथ) |
|
|
* प्रतर्दन |
|
46 |
|
असमंजस् |
|
|
|
*दुष्यन्त |
|
|
अनंत |
दशार्ह |
|
|
वत्स |
|
47 |
|
|
कृतिरथ |
|
|
* भरत |
|
|
दुर्जय |
व्योमन् |
|
सुतपस् बलि |
अलर्क |
रावण |
48 |
|
अंशुमत् |
|
|
|
भरद्वाज |
|
|
सुप्रतीक |
जीमूत |
|
अंग |
|
|
49 |
|
|
|
|
|
वितथ |
|
|
|
विकृति |
|
|
सन्नति |
|
50 |
|
दिलीप १. |
देवमीढ |
|
|
भुवन्मन्यु |
|
|
|
भीमरथ |
|
|
सुनीथ |
|
51 |
|
|
|
|
|
बृहत्क्षत्र |
|
|
|
रथवर |
|
|
|
|
52 |
|
|
|
सृंजय |
|
सुहोत्र |
|
|
|
दशरथ |
|
दधिवाहन
(अनपान) |
सुकेतु |
|
53 |
|
|
विसृत |
|
|
हस्तिन् |
सो. अज. |
सो. नील |
सो. द्विमीढ |
एकादशरथ |
|
|
|
|
54 |
|
* भगीरथ अथवा |
|
|
|
* अजमीढ |
दक्षिण पांचाल |
उत्तर पांचाल |
द्विमीढ |
शकुनि |
|
|
धर्मकेतु |
|
55 |
|
भगेरथ |
|
|
|
ऋक्ष, *जह्नु |
बृहदिपु |
नील |
यवीनर |
करंभक |
|
|
|
|
56 |
|
श्रुत |
महाधृति |
|
|
|
बृहद्वसु |
सुशांति |
|
देवरात |
|
|
सत्यकेतु |
|
57 |
|
नाभाग |
|
|
|
|
बृहत्कर्मन् |
पुरुजानु |
|
देवक्षत्र |
|
|
|
|
58 |
|
अम्बरीष |
|
|
|
|
जयद्रथ |
रिक्ष |
धृतिमत् |
देवन |
|
|
विभु |
|
59 |
|
सिंधुद्वीप |
कृतिरात |
सहदेव |
|
|
विश्वजित् |
भर्म्याश्च |
|
मधु |
|
दिविरथ |
|
|
60 |
|
अयुतायु |
|
|
|
|
|
|
सत्यधृति |
पुरुवस |
|
|
सुविभु |
|
61 |
|
ऋतुपर्ण |
|
|
|
|
|
|
|
पुरुद्धत् |
|
|
|
|
62 |
|
सर्वकाम |
|
|
|
|
|
मुद्गल |
दृढनेमि |
|
|
|
सुकुमार |
|
63 |
|
सुदास |
महारोमन् |
|
|
|
|
(ब्रह्मिष्ठ) |
|
|
|
|
|
|
64 |
|
मित्रसह कल्माषपाद |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
धर्मरथ |
|
|
65 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
धृष्टकेतु |
|
66 |
|
अश्मक |
|
|
|
|
सेनाजित् |
वध्र्यश्व |
|
|
|
|
|
|
67 |
|
मूलक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
68 |
|
दशरथ १. |
स्वर्णरोमन् |
कृशाश्व |
|
|
|
|
सुवर्मन् |
|
|
|
|
|
69 |
|
ऐडविड |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वेणुहोत्र |
|
70 |
|
विश्वसह १. |
|
|
|
|
|
|
सार्वभौम |
|
|
|
|
|
71 |
|
दिलीप खट्वांग २. |
|
|
|
|
रुचिराश्व |
|
|
|
|
|
|
|
72 |
|
दीर्घबाहु |
ह्नस्वरोमन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
भर्ग |
|
73 |
|
रघु |
|
|
|
|
|
|
महत्पौरव |
|
|
|
|
|
74 |
|
अज |
|
|
|
संवरण |
|
|
|
|
|
|
|
|
75 |
|
दशरथ २. |
सीरध्वज |
प्रमति |
|
कुरु |
|
*दिवोदास |
|
जन्तु |
|
चित्ररथ (लोमपाद) |
|
|
0 |
संभाव्य काल |
सू. इ.
(अयोध्या) |
सू. निमि.
(मिथिला) |
सू. दिष्ट.
(वैशाली) |
सो. अमा.
(कान्यकुब्ज) |
सो. पुरुरवस्
(प्रतिष्ठान) |
सो. तुर्वसु. |
सो. नील. |
सो. सह.
(हैहय) (महिष्मती) |
सो. यदु. |
सो. अनु. |
सो. अनु. तितिक्षु |
सो. क्षत्र (काशी) |
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
0 |
संभाव्य काल |
सू. इ.
(अयोध्या) |
सू. निमि.
(मिथिला) |
सू. दिष्ट.
(वैशाली) |
सो. मगध. |
सो. कुरु. |
सो. अज.
(दक्षिण पांचाल) |
सो. नील.
(उत्तर पांचाल) |
सो. द्विमीढ. |
सो. यदु. |
सो. यदु. |
सो. अनु. |
सो. क्षत्र |
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
76 |
इ. पू.
१९५० |
राम |
कुशध्वज |
परिक्षित् |
सुधन्वन् |
जह्नु |
पृथुसेन |
मित्रयु |
रुक्मरथ |
भीम सात्वत |
|
चतुरंग |
|
रावण |
77 |
|
कुशलव |
भानुमत |
जनमेजय |
सुहोत्र |
सुरथ |
|
मैत्रेय (सोम) |
|
अंधक |
भजमान, वृष्णि |
|
|
|
78 |
|
अतिथि |
प्रद्युम्न शतद्युम्न |
|
च्यवन |
(ऋक्ष) |
|
(*सृंजय) |
सुपार्श्व |
कुकुर |
|
|
|
|
79 |
|
निषध |
मुनि |
|
कृत |
सार्वभौम |
|
च्यवन ** पंचजन,
(पिजवन) |
|
धृष्ट |
विदूरथ |
|
|
|
80 |
|
नल |
ऊर्जवह |
सो. चैद्य. |
वसु चैद्य |
जयत्सेन |
|
*सुदास |
|
(वृष्णि |
शूर |
|
|
दाशराज्ञ युद्ध |
81 |
|
नभ |
सुतद्वाज |
प्रत्यग्रह |
बृहद्रथ |
अराधिन् |
|
*सहदेव |
सुमति |
धृति) |
शमिन् |
पृथुलाक्ष |
|
|
82 |
|
पुंडरीक |
*कुणि (शकुनि) |
|
(कुशाग्र) |
महासत्त्व |
पार १. |
*सोमक |
|
कपोतरोमन |
प्रतिक्षत्र |
चंप |
|
|
83 |
|
क्षेमधन्वन् (पौंडरीक) |
*रंजन (अंजन) |
|
ऋषभ |
अयुतायु |
|
जन्तु, पृषत् |
|
|
|
हर्येग |
|
|
84 |
|
देवानीक |
(*उग्रदेव) |
|
पुष्पवत् |
अक्रोधन |
|
|
सन्नतिमत् |
|
स्वयंभोज |
भद्ररथ |
|
|
85 |
|
अहीन |
*क्रतुजित् |
|
सत्यहित |
देवातिथि |
|
|
|
(तैत्तिरि) |
|
बृहत्कर्मन् |
|
|
86 |
|
पारियात्र |
अरिष्टनेमि |
|
सुधन्वन् |
ऋक्ष २. |
नीप |
|
|
|
ह्रदीक |
बृहद्रथ |
|
|
87 |
|
बल (दल) |
श्रुतायु |
|
ऊर्ज |
भीमसेन |
|
|
|
|
|
बृहद्भानु |
|
|
88 |
|
स्थल |
सुपार्श्व |
|
नभस् |
दिलीप |
|
|
सनति |
विलोमन् |
|
|
|
|
89 |
|
उक्थ |
संजय |
|
(संभव) |
|
समर |
|
|
|
|
|
|
|
90 |
|
वज्रनाभ |
क्षेमारि |
|
|
|
|
|
|
भव |
|
बृहन्मनस |
|
|
91 |
|
खगण |
अनेनस् |
|
|
|
पार २. |
|
|
(नल) |
|
|
|
|
92 |
|
विधृति |
मीनरथ |
|
|
|
|
|
कृत किंवा कृति |
|
|
|
|
|
93 |
|
(व्युषिताश्व |
सत्यरथ |
|
|
|
पृथु |
|
कृति |
अभिजित् |
|
|
|
|
94 |
|
विश्वसह २) |
उपगु |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
95 |
|
हिरण्यनाभ |
स्वागत |
|
|
|
|
|
|
|
|
जयद्रथ |
|
|
96 |
|
पुष्य |
सुवर्चस् |
|
|
|
सुकृति |
|
|
पुनर्वसु |
|
|
|
|
97 |
|
ध्रुवसंधि |
श्रुत |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
98 |
|
सुदर्शन |
सुश्रुत |
|
|
|
|
|
|
आहुक |
देवमीढूष |
बृहद्रथ |
|
|
99 |
|
अग्निवर्ण |
जय |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
100 |
|
शीघ्र |
विजय |
|
|
प्रतीप |
ब्रह्मदत्त |
|
|
|
|
|
|
|
101 |
|
मरु |
ऋत |
|
|
|
विश्वक्सेन |
|
|
|
|
|
|
|
102 |
|
प्रसुश्रुत |
सुनुय |
|
|
(ऋष्टिषेण) |
उदक्सेन |
|
|
|
|
|
|
|
103 |
|
(सु) संधि |
|
|
|
शंतनु |
भल्लाट |
|
उग्रायुध कार्ति |
उग्रसेन |
|
|
|
|
104 |
|
अमर्षण |
वीतहव्य |
दमघोष |
|
भीष्म |
जनमेजय |
द्रोण |
क्षेम |
|
शूर |
दृढरथ |
|
|
105 |
|
सहस्वत् |
|
|
जरासंध |
विचित्रवीर्य |
द्रुपद |
|
सुवीर |
|
|
|
|
|
106 |
|
विश्वसाह्व |
धृति |
शिशुपाल |
|
(धृतराष्ट्र, पांडु) |
|
|
नृपंजय |
|
|
जनमेजय |
|
|
107 |
|
प्रसेनजित् |
|
|
|
|
|
|
बृहद्रथ |
|
वसुदेव |
अधिरथ |
|
|
108 |
इ. पू.
१४०० |
तक्षक |
बृहद्वल |
|
सहदेव |
युधिष्ठिर |
|
|
|
कंस |
|
कर्ण |
|
|
109 |
|
बृहद्वल |
कृत किंवा कृती |
|
|
अभिमन्यु |
धृष्टद्युम्न |
अश्वत्थामन् |
|
|
कृष्ण |
वृषसेन |
|
भारतीय युद्ध |
110 |
|
बृहद्रण |
महावशिन् |
|
सोमापि |
परिक्षित् |
|
|
|
|
|
|
|
|
111 |
|
|
|
|
श्रुतश्रवस |
जनमेजय |
|
|
|
|
वज्र |
|
|
|
112 |
|
उरुक्रिय |
|
|
अयुतायु |
शतानीक |
|
|
|
|
अचल |
|
|
|
0 |
संभाव्य काल |
सू. इ.
(अयोध्या) |
सू. निमि.
(मिथिला) |
सू. दिष्ट.
(वैशाली) |
सो. मगध. |
सो. कुरु. |
सो. अज.
(दक्षिण पांचाल) |
सो. नील.
(उत्तर पांचाल) |
सो. द्विमीढ. |
सो. यदु. |
सो. यदु. |
सो. अनु. |
सो. क्षत्र |
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
0 |
|
सू. इ. |
सो. पूरु. |
|
सो. मगध. |
|
|
|
|
|
|
|
|
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
113 |
|
वत्सवृद्ध |
|
|
निरमित्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
114 |
|
- |
- |
|
सुनक्षत्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
115 |
|
प्रतिव्योमन् |
|
|
बृहत्सेन |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
116 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
117 |
|
भानु |
|
|
बृहत्कर्मन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
118 |
|
दिवाकर |
असीमकृष्ण |
|
सेनाजित् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
वायु, ब्रह्मांड एवं मत्स्य पुराणों के रचनाकाल ये राजा राज्य करते थे । |
119 |
|
सहदेव |
निमिचक्र |
|
सृतंजय |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
120 |
|
बृहदश्च |
उक्थ |
|
विप्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
121 |
|
भानुमत् |
चित्ररथ |
|
शुचि |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
122 |
|
प्रतीकाश्च |
कविरथ |
|
क्षेम |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
123 |
|
सुप्रतीक |
वृष्टिमत् |
|
निर्वृत्ति |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
124 |
|
मरुदेव |
सुषेण |
|
सुव्रत |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
125 |
|
सुनक्षत्र |
सुनीथ |
|
धर्मसूत्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
126 |
|
पुष्कर |
नृचक्षु |
|
शम |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
127 |
|
अंतरिक्ष |
सखीनल |
|
सुमति |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
128 |
|
सुतपस् |
परिप्लव |
|
सुबल |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
129 |
|
|
सुनय |
|
सुनीथ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
130 |
|
|
मेधाविन |
|
सत्यांजेत् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
131 |
|
|
नृपंजय |
|
विश्वजित् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
132 |
|
|
|
|
पुरंजय |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
133 |
|
|
|
|
अवंती राजा |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
134 |
|
अमित्रजित् |
दुर्व |
|
वीतिहोत्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
135 |
|
बृहद्राज |
|
|
प्रद्योत |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
136 |
|
|
तिमि |
|
पालक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
137 |
|
बर्हि |
|
|
विशाखयूप |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
138 |
|
कृतंजय |
|
|
अजक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
139 |
|
|
बृहद्रथ |
|
नंदिवर्धन |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
140 |
ई. पू. ६४२ |
रणंजय |
|
|
शिशुनाग |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
141 |
|
|
सुदास |
|
काकवर्ण |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
142 |
|
संजय |
|
|
क्षेमधर्मन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
143 |
|
|
|
|
क्षेत्रज्ञ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
144 |
|
शाक्य |
शतानीक |
|
विधिसार
(काण्वायन भूमिमित्र) |
|
|
|
|
|
|
|
|
महावीर |
145 |
|
शुद्धोद |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
146 |
ई. पू.
४९१ - ४५९ |
लांगल
प्रसेनजित् |
उदयन |
|
अजातशत्रु |
|
|
|
|
|
|
|
|
गौतम बुद्ध |
147 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
148 |
|
क्षुद्रक |
वहीनर |
|
दर्भक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
149 |
|
रणक |
दंडपाणी |
|
अजय (उदय) |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
150 |
|
सुरथ |
निरमित्र |
|
नंदिवर्धन |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
151 |
|
सुमित्र |
क्षेमक |
|
महानंदि नंद |
|
|
|
|
|
|
|
|
सिकंदर |
159 |
ई. पू.
३३० - ३२६ |
|
|
|
सुमाल्यादि ८ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
160 |
ई. पू.
३२२ - १८५ |
|
|
|
चंद्रगुप्त मौर्य |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
161 |
|
|
आंध्र |
|
बिन्दुसार |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
162 |
ई. पू.
२३७ |
|
|
|
अशोक () |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
163 |
ई. पू.
२४० |
|
शिप्रक |
|
सुयशस् (संपदि) |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
164 |
ई. पू.
२०६ |
|
कृष्ण |
|
दशरथ |
|
|
|
|
|
|
|
|
अँटिओक्स
(सीरिया और
बॅक्ट्रिया) |
165 |
|
|
|
|
संगत |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
166 |
|
|
|
|
शालिशूक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
167 |
|
|
|
|
सोमशर्मन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
168 |
|
|
श्रीमल्लकर्णि |
|
शतधन्वन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
169 |
|
|
पूर्णोत्संग |
|
बृहद्रथ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
170 |
ई. पू.
१८४ - ७२ |
खारवेल जैन |
|
|
पुष्यमित्र शुंग
शातकर्णि |
|
|
|
|
|
|
|
|
मिलिंद
(मिनॅन्डर)
ई. पू. १५० |
171 |
|
|
|
|
अग्निमित्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
172 |
|
|
|
|
सुज्येष्ठ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
173 |
|
|
|
|
वसुमित्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
174 |
|
|
|
|
आर्द्रक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
175 |
|
|
|
|
पुलिंदक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
176 |
|
|
|
|
घोषवसु |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
177 |
|
|
लंबोदर |
|
वज्रामित्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
कनिष्क |
178 |
|
|
अपीतक |
|
भागवत |
|
|
|
|
|
|
|
|
कुशान |
179 |
|
|
|
|
देवभूति |
|
|
|
|
|
|
|
|
शक |
180 |
ई. पू.
७३ - २७ |
|
मेघस्वाति |
|
वसुदेव काण्व |
|
|
|
|
|
|
|
|
कुशान साम्राज्य
(ई. स. ९० - २२०
ई. तक) |
181 |
|
|
स्वाति |
|
भूमित्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
182 |
|
|
स्कंधस्वाति |
|
नारायण |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
183 |
|
|
मृगेन्द्र स्वातिकर्ण |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
184 |
|
|
कुन्तल स्वातिकर्ण |
|
सुशर्मन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
185 |
|
|
स्वातिकर्ण |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
186 |
|
|
अरिक्तकर्ण
(नेमिकृष्ण) |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
187 |
|
|
हाल |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
188 |
|
|
मंदुलक |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
0 |
|
सू. इ. |
सो. पूरु. |
|
सो. मगध. |
|
|
|
|
|
|
|
|
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
0 |
|
आंध्र |
शक सत्रप (उज्जैन) |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
अन्य राजा एवं
महत्त्वपूर्ण घटना |
189 |
|
पुरींद्रसेन |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
190 |
|
सौम्य |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
191 |
ई. स.
८० |
*सुंदरशांतिकर्ण |
चष्टण |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
192 |
|
चकोर स्वातिकर्ण |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
193 |
|
*शिवस्वाति |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
194 |
|
*गौतमीपुत्र |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
195 |
|
*पुलोमत् |
जयदामन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
196 |
|
*शातकर्णि |
रुद्रदामन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
197 |
|
*शिवश्री |
दामजदश्री |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
198 |
|
शिवस्कंध |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
199 |
|
*यज्ञश्री |
जमदामन् |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
200 |
|
विजय |
रुद्रसिंह |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
201 |
|
चंडश्री |
रुद्रसेन |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|