हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|प्रतापबालाजी| चतुरभुज झूलत श्याम हिडोरे... प्रतापबालाजी भजन मो मन परी है यह बान ॥ च... चतुरभुज झूलत श्याम हिडोरे... भजु मन नंद नंदन गिरधारी ... लगन म्हारी लागी चतुरभुज र... प्रीतम हमारो प्यारो श्याम... भजन - चतुरभुज झूलत श्याम हिडोरे... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajanpratapabalaप्रतापबालाभजन भजन Translation - भाषांतर चतुरभुज झूलत श्याम हिडोरें । कंचन खंभ लगे मणिमानिक, रेसमकी रँग डोरें ॥ उमड़ि घुमड़ि घन बरसत चहुँ दिसि, नदियाँ लेत हिलोरें । हरि हरि भूमि लता लपटाई बोलत कोकिल मोरें ॥ बाजत बीन पखावज बंसी, गान होत चहुँ ओरें । जामसुता छबि निरखि अनोखी, बारूँ काम किरोरें ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 23, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP