आसन

प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.


कुश, कम्बल, मृगचर्म, व्याघ्रचर्म और रेशमका आसन जपादिके लिये विहित है । बाँस, मिट्टी, पत्थर, तृण, पत्ते, गोबर, पलाश, पीपल और जिसमें लोहेकी कील लगी हो, ऐसे आसनपर न बैठे । पुत्रवान्‍ गृहस्थ तो मृगचर्मपर भी न बैठे ।

N/A

References : N/A
Last Updated : November 26, 2018

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP