भूमि-वन्दना
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
भूमि-वन्दना -- शय्यासे उठकर पृथ्वीपर पैर रखनेके पूर्व पृथ्वी माताका अभिवादन करे और उनपर पैर रखनेके पूर्व पृथ्वी माताका अभिवादन क्रे और उनपर पैर रखनेकी विवशताके लिये उनसे क्षमा माँगते हुए निम्न श्लोकका पाठ करे --
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ॥
'समुद्ररुपी वस्त्रोंको धारण करनेवाली, पर्वतरुपस्तनोंसे मण्डित भगवान् विष्णुकी पत्नी पृथ्वीदेवि ! आप मेरे पाद-स्पर्शको क्षमा करें. ।
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Last Updated : November 25, 2018
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