दीपावली की पूजा - कुबेर पूजन

दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।


दीपावली एवं धनत्रयोदशी पर महालक्ष्मी के पूजन के साथ -साथ धनाध्यक्ष कुबेर का पूजन भी किया जाता है । इनके पूजन से घर में स्थायी सम्पत्ति में वृद्धि होती है और धन का अभाव दूर होता है । इनका पूजन इस प्रकार करें ।

सर्वप्रथम निम्नलिखित मन्त्र के साथ इनका आवाहन करे ।

आवाहयामि देव त्वामिहायामि कृपां कुरु ।

कोशं वर्द्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेश्वर ॥

अब हाथ में अक्षत लेकर निम्नलिखित मंत्र से कुबेरजी का ध्यान करे ।

मनुजवाह्यविमानवरस्थितं ,

गरुड़रत्ननिभं निधिनायकम् ।

शिवसखं मुकुटादिविभूषितं ,

वरगदे दधतं भज तुन्दिलम् ॥

हाथ में लिए हुए अक्षतों को कुबेरयंत्र , चित्र या विग्रह के समक्ष चढ़ा दें ।

अब कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह का पूजन निम्नलिखित प्रकार से करे ।

तीन बार जल के छीटे दें और बोलेः पाद्यं , अर्घ्यं , आचमनीयं समर्पयामि ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , स्थानार्थे जलं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर जल के छीटें दें ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , पंचामृतस्नानार्थे पंचामृतं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह को पंचामृत से स्नान कराएँ ।

पंचामृतस्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह को शुद्ध जल से स्नान कराएँ ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , सुवासितम् इत्रं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर इत्र चढ़ाएँ ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , वस्त्रं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर मौली चढ़ाएँ ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , गन्धं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर रोली अथवा लाल चन्दन चढ़ाएँ ।

ॐवैश्रवणाय नमः , अक्षतान् समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर चावल चढ़ाएँ ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , पुष्पं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर पुष्प चढ़ाएँ ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , धूपम् आघ्रापयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर धूप करें ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , दीपकं दर्शयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह को दीपक दिखाएँ ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , नैवेद्यं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर प्रसाद चढ़ाएँ ।

आचमनं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर जल के छीटे दें ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , ऋतुफलं समर्पयामि ।

कुबेर यंत्र , चित्र या विग्रह पर पान , सुपारी , इलायची आदि चढ़ाएँ ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , कर्पूरनीराजनं समर्पयामि ।

कर्पूर जलाकर आरती करें ।

ॐ वैश्रवणाय नमः , नमस्कारं समर्पयामि ।

नमस्कार करें ।

अंत में इस मंत्र से हाथ जोड़कर प्रार्थना करेः

धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपायं च ।

भगवन् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पदः ॥

कुबेर पूजन के साथ यदि तिजोरी की भी पूजा की जाए , तो साधक को दोगुना लाभ मिलता है । .

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Last Updated : November 03, 2010

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