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भजन - जगतमें झूठी देखी प्रीत । ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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झूठी धमकी
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झूठी नालिश
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accusal
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accusation
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bravado
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bluster
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false evidence
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false information
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विश्वास करना
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चापलूसी करना
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हड़कंप मचाना
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चापलूसी
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कीचड़ उछालना
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कूटकार
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दरोगहलफी
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धोखेबाज
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शिकायतकर्ता
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कबीर के दोहे - हरिका समरन करले बंदा काहे...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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नाम महिमा - राम कहो राम कहो राम ...
भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।
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भजन - माई मोकों जुगलनाम निधि भा...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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विविध - जगमें होनहार बलवान , इस...
’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है ।
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भजन - राम कहो राम कहो , राम कहो...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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गवाही
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टेलीविजन
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आग लगना
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कहानी
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बहाना
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शिकायत
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - होगा कब वह सुदिन समय शुभ ...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
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विनय पत्रिका - विनयावली ९५
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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अभिलाषा - थे तो आरोगोजी मदनगोपाल...
’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है ।
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विनय पत्रिका - विनयावली १२५
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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अवीचि
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हिन्दी पदावली - पद ७१ से ८०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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सहजोबाईजी - नश्वर शरीर
सहजोबाई का संबंध चरणदासी संप्रदाय से है ।
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विनय पत्रिका - विनयावली २४
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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कृष्णपक्ष की एकादशी
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहते है ।
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हिन्दी पदावली - पद १४१ से १५०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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प्रकृतिपुरुष का - ॥ समास चौथा - अनुमाननिरसननाम ॥
यह ग्रंथ श्रवण करने का फल, मनुष्य के अंतरंग में आमूलाग्र परिवर्तन होता है, सहजगुण जाकर क्रिया पलट होता है ।
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हिन्दी पदावली - पद १०१ से ११०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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संत श्रीरोहिदासांची पदे - ४६ ते ५५
संत
रोहिदास (इ.स. १३७६ - इ.स. १५२७) हे मध्ययुगीन भारतातील हिंदू संत होते.
यांच्या गुरूंचे नाव रामानंद स्वामी होते. कबीर यांचे समकालीन होत; तर
मीराबाई यांच्या शिष्या होत्या.
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शिकवणनाम - ॥ समास सातवां - यत्ननिरूपणनाम ॥
परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये!
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सौभरि
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महोदर
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प्रथम पाद - श्राद्धकी विधि
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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दोहे - ४०१ से ४५०
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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हिन्दी पदावली - पद ८१ से ९०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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हिन्दी पदावली - पद ६१ से ७०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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अखंडध्याननाम - ॥ समास तीसरा - कवित्वकलानिरूपणनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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