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निवेदन - अब तो निभायाँ सरेगी ब...

’निवेदन’ मे प्रस्तुत जो भी भजन है, वे सभी विनम्र भावोंके चयन है ।


अब तो निभायाँ सरेगी बाँह गहे की लाज ।

समरथ शरण तुम्हारी सइयाँ सरब सुधारण काज ॥

भवसागर संसार अपरबल जामें तुम हो जहाज ।

गिरधाराँ आधार जगत गरु तुम बिन होय अकाज ॥

जुग जुग भीर हरी भगतन की दीनी मोक्ष समाज ।

मीरा शरण गही चरणन की लाज रखो महाराज ॥

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Last Updated : January 22, 2014

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