भजन - नमो नमो बृंदाबनचंद । नित...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


नमो नमो बृंदाबनचंद ।

नित्य, अनन्त, अनादि, एकरस, पिय प्यारी बिहरत स्वच्छंद ॥१॥

सत्त-चित्त-आनंदरुपमय खग-मृग, द्रुम-बेली बर बृंद ।

भगवतरसिक निरंतर सेवत, मधुप भये पीवत मकरंद ॥२॥

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Last Updated : December 22, 2007

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