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एका झर्यातून पाणी, न येत खारे गोडवणी
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देरे वाण्या, खारे प्राण्या
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saline
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brine water
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saline water
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salted butter
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benincasa hispida
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ash gourd
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salt lake
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खारवणे
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खारें पाणी आडांत, गोड कोठून पोहर्यांत
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पश्चिमी वारे
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कैस्पियन
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brine
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खारा द्रव
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खार्या पाण्यानें खरूज बरी होते
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शेदव
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mangrove formation
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आडांत कडू तर पोहर्यांत कुठलं गोड
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आडांतच पाणी नसेल तर पोहर्यांत कोठून येणार
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आडांत नाही तर पोहर्यांत कोठून येईल
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आडांत पाणी खारें तर पोहर्यांत गोड कोठून येणार
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कांबली
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काला सागर
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squash
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दावेकरी
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भाजप
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लावण
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शेंदव
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लीला गान - आज हरि आये विदुर -घर ...
’लीलागान’में भगवल्लीकी मनोमोहिनी मनको लुभाती है ।
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लावणिक
Meanings: 16; in Dictionaries: 4
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रोगोपचार - मुत्र निरोधप्रकर्ण खडा
भारतीय शास्त्रांमध्ये वैद्यक शास्त्राने फार प्राचीन काळापासून प्रगती केलेली आहे , त्यापैकी चरक आणि सुश्रुत यांनी सर्व जगाला आरोग्यविषयक ज्ञान दिले .
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धर्मसिंधु - नित्य भोजन व श्राद्धकर्म
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे.
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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चाळ
Meanings: 12; in Dictionaries: 5
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गीताई अध्याय सतरावा
गीताई अध्याय सतरावा
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय ३
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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लवण
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श्रीकृष्णाचीं पदें - पदे ३१ ते ४०
मध्वमुनीश्वरांची कविता
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बृहत्संहिता - अध्याय ५४
शके ८८८ फाल्गुन कृष्ण द्वितीया गुरुवारी उत्पलनामकाने ही टीका केली.
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गोष्ट चौदावी
संस्कृत नीतिकथांमध्ये पंचतंत्र कथांचे प्रथम स्थान मानले जाते.
The fascinating stories told by Vishnu Sharma, called Panchatantra.
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समुद्र
Meanings: 84; in Dictionaries: 10
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय २
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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सूत्रस्थान - अन्नपानविधि ४
भारतीय शास्त्रांमध्ये वैद्यक शास्त्राने फार प्राचीन काळापासून प्रगती केलेली आहे , त्यापैकी चरक आणि सुश्रुत यांनी सर्व जगाला आरोग्यविषयक ज्ञान दिले .
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सूरह - अल्फुरकान
कुराणात जीवनाचे असे सत्याधिष्टित नियम दिले आहेत की, ज्यांना आचरणात आणल्याने आपण आपल्या वैयक्तिक, सामाजिक जीवनात तसेच आपला देश व समस्त जगात शाती आणि सुख-समृद्धीचे नंदनवन बनवू शकतो.
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प्रथम पाद - नरकोंकी यातनाओंका वर्णन
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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सूत्रस्थान - द्रवद्रव्यविधि
भारतीय शास्त्रांमध्ये वैद्यक शास्त्राने फार प्राचीन काळापासून प्रगती केलेली आहे , त्यापैकी चरक आणि सुश्रुत यांनी सर्व जगाला आरोग्यविषयक ज्ञान दिले .
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ४३
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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कवितावली - भाग ३
‘कवितावली' गोस्वामी तुलसीदासच्या प्रमुख रचनांपैकी एक आहे. सोळाव्या शतकातील या ग्रंथात श्रीराम कथेचे वर्णन असून मूळ काव्य ब्रजभाषेत आहे.
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प्रेमचंद की कहानियाँ - कवच
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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मयमतम् - अध्याय ३३
मयमतम् नामक ग्रंथमे संपूर्ण वास्तुशास्त्रकी चर्चा की गयी है। संपूर्ण वास्तु निर्माणमे इस ग्रंथको प्रमाण माना गया है।
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