-
वास्तुशास्त्र
Meanings: 3;
Dictionaries: 3;
Tags: বাস্তুশাস্ত্র, बुमिनसार बिगियान, વાસ્તુશાસ્ત્ર, ವಾಸ್ತುಶಾಸ್ತ್ರ, فنہِ تعمیٖر, वास्तूशास्त्र, വാസ്തുവിദ്യ, स्थापत्यशास्त्र, ꯌꯨꯝꯁꯥꯔꯣꯜ, वास्तुशास्त्र, ବାସ୍ତୁଶାସ୍ତ୍ର, ਭਵਨ-ਨਿਰਮਾਣ ਵਿਦਿਆ, वास्तुशास्त्रम्, கட்டிடக்கலை, వాస్తుశాస్త్రం., علم فن تعمیر, فن تعمیر, طرزتعمیر বাস্তুশাস্ত্র, बुमिनसार बिगियान, વાસ્તુશાસ્ત્ર, वास्तुशास्त्र, ವಾಸ್ತುಶಾಸ್ತ್ರ, فنہِ تعمیٖر, वास्तूशास्त्र, വാസ്തുവിദ്യ, स्थापत्यशास्त्र, ꯌꯨꯝꯁꯥꯔꯣꯜ, ବାସ୍ତୁଶାସ୍ତ୍ର, ਭਵਨ-ਨਿਰਮਾਣ ਵਿਦਿਆ, वास्तुशास्त्रम्, கட்டிடக்கலை, వాస్తుశాస్త్రం., علم فن تعمیر, فن تعمیر, طرزتعمیر
Type: WORD | Rank: 10.4442 | Lang: NA
Tags: N/A
-
वास्तुशास्त्र
वास्तुशास्त्र एक ऐसा शास्त्र है, जो अनुभव किया जा सकता है ।
Type: INDEX | Rank: 9.235549 | Lang: NA
-
अध्याय तेरहवाँ - श्लोक १०१ से ११२
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 2.554466 | Lang: NA
-
अध्याय पहला - श्लोक १ से २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 2.511205 | Lang: NA
-
सप्तमोऽध्यायः - श्लोक २१ ते ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय छठा - श्लोक १२१ से १३६
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
तृतीयोऽध्यायः - श्लोक २१ ते ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाशः - चतुर्थोऽध्यायः
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय दूसरा - श्लोक १ से २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पहला - श्लोक ४१ से ६०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पाँचवा - श्लोक २१ से ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
दशमोध्यायः - श्लोक १ ते २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पाँचवा - श्लोक २२१ से २४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पाँचवा - श्लोक १ से २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाश - अध्याय तेरहवाँ
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय दसवाँ - श्लोक ६१ से ८०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाशः - अथ विषयानुक्रमणिकाः
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
पञ्चमोऽध्यायः - श्लोक १०१ ते १२०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
द्वितीयोऽध्याय: - श्लोक १६१ ते १८०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय दूसरा - श्लोक २१ से ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
चतुर्थोऽध्यायः - श्लोक ४१ ते ६२
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पाँचवा - श्लोक १८१ से २००
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाश - अध्याय बारहवाँ
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाशः - पञ्चमोऽध्यायः
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अष्टमोऽध्यायः - श्लोक २१ ते ३२
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय बारहवाँ - श्लोक १ से २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय छठा - श्लोक ४१ से ६०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय बारहवाँ - श्लोक ६१ से ७९
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
तृतीयोऽध्यायः - श्लोक १ ते २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
नवमोऽध्यायः - श्लोक १ ते २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
षष्ठोऽध्यायः - श्लोक २१ ते ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाश
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय साँतवा - श्लोक ४१ से ६०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पाँचवा - श्लोक १२१ से १४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
द्वादशोऽध्यायः - श्लोक ४१ ते ६०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
एकादशोऽध्यायः - श्लोक २१ ते ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाश - अध्याय आठवाँ
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय छठा - श्लोक १०१ से १२०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
त्रयोदशोऽध्यायः - श्लोक ६१ ते ८०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
पञ्चमोऽध्यायः - श्लोक १६१ ते १८०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय दसवाँ - श्लोक ८१ से १०५
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाश - तृतीयोऽध्यायः
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय साँतवा - श्लोक ६१ से ८०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
विश्वकर्मप्रकाश - अध्याय दसवाँ
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: INDEX | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पहला - श्लोक २१ से ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय ग्यारहवाँ - श्लोक १ से २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
चतुर्थोऽध्यायः - श्लोक १ ते २०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय पाँचवा - श्लोक १६१ से १८०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
अध्याय नववाँ - श्लोक २१ से ४०
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA
-
दशमोध्यायः - श्लोक ८१ ते १०५
देवताओंके शिल्पी विश्वकर्माने, देवगणोंके निवासके लिए जो वास्तुशास्त्र रचा, ये वही ’ विश्वकर्मप्रकाश ’ वास्तुशास्त्र है ।
Type: PAGE | Rank: 1.64157 | Lang: NA