-
रामभक्त राजा सुरथ
हिंदू धर्मातील पुराणे अतिप्राचीन असून त्यातील कथा उच्च संस्कृतीच्या प्रतिक आहेत.
Type: PAGE | Rank: 9.165353 | Lang: NA
-
देवी चरित्र - सुरथ राजाची कथा
श्रीयुत विनायक वासुदेव साठे यांनी रचलेली श्रीदत्त भजन गाथा.
Type: PAGE | Rank: 2.938412 | Lang: NA
-
सुरथ
Meanings: 41; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 1.441498 | Lang: NA
-
दौश्शालेय
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.09697853 | Lang: NA
-
जायद्रथ
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.0554163 | Lang: NA
-
बलमोदक
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.0554163 | Lang: NA
-
नंदि
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04199294 | Lang: NA
-
देवी चरित्र - विषय
श्रीयुत विनायक वासुदेव साठे यांनी रचलेली श्रीदत्त भजन गाथा.
Type: PAGE | Rank: 0.04156223 | Lang: NA
-
दुर्वार
Meanings: 7; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.03599394 | Lang: NA
-
सुमेधस्
Meanings: 16; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.02449078 | Lang: NA
-
दुःशला
Meanings: 5; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.02424463 | Lang: NA
-
प्रतापिन्
Meanings: 16; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.02424463 | Lang: NA
-
रिपुंजय
Meanings: 14; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.02399596 | Lang: NA
-
श्रीदुर्गासप्तशती - त्रयोदशोऽध्याय:
श्रीदुर्गासप्तशती - त्रयोदशोऽध्याय:
Type: PAGE | Rank: 0.02099647 | Lang: NA
-
एकनाथी भागवत - श्लोक १६ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.02078111 | Lang: NA
-
हर्यक्ष
Meanings: 12; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.02078111 | Lang: NA
-
हंसध्वज
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.01959262 | Lang: NA
-
स्कंध ९ वा - अध्याय १२ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
Type: PAGE | Rank: 0.01731759 | Lang: NA
-
अध्याय तेरावा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
Type: PAGE | Rank: 0.01714354 | Lang: NA
-
कथाकल्पतरू - स्तबक ५ - अध्याय १५
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01499748 | Lang: NA
-
सावर्णि
Meanings: 16; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.01469447 | Lang: NA
-
शैव्य
Meanings: 21; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.01469447 | Lang: NA
-
चंपक
Meanings: 11; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.01385408 | Lang: NA
-
शहाण्णव कुळी
Meanings: 91; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01385408 | Lang: NA
-
शाण्णव कुळी
Meanings: 91; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01385408 | Lang: NA
-
शाण्णवकुळीचे राजे
Meanings: 91; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01385408 | Lang: NA
-
प्रथम चरित्र - अध्याय पहिला
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01355316 | Lang: NA
-
श्वेतराजाचा उद्धार
हिंदू धर्मातील पुराणे अतिप्राचीन असून त्यातील कथा उच्च संस्कृतीच्या प्रतिक आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.01212232 | Lang: NA
-
सुप्रभा
Meanings: 19; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.01212232 | Lang: NA
-
जह्रु
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01212232 | Lang: NA
-
अध्याय सातवा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
Type: PAGE | Rank: 0.01039056 | Lang: NA
-
मार्कण्डेयपुराण - प्रस्तावना
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01039056 | Lang: NA
-
अध्याय सहावा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
Type: PAGE | Rank: 0.01039056 | Lang: NA
-
पातालखण्डः - अध्यायः ४९
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.009796311 | Lang: NA
-
पांडवप्रताप - अध्याय ५९ वा
पांडवप्रताप ग्रंथवाचन म्हणजे चंचल मनाला भक्तियोगाकडे वळविण्याचा प्रवास.
Type: PAGE | Rank: 0.00916361 | Lang: NA
-
अध्याय पहिला
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
Type: PAGE | Rank: 0.008998486 | Lang: NA
-
अध्याय चौथा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
Type: PAGE | Rank: 0.008658797 | Lang: NA
-
अध्याय ७४ वा - श्लोक १० ते १५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.008658797 | Lang: NA
-
अध्याय दहावा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
Type: PAGE | Rank: 0.008658797 | Lang: NA
-
महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम् - अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिन...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.008658797 | Lang: NA
-
पूरु
Meanings: 20; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.008571772 | Lang: NA
-
खंड ६ - अध्याय २५
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007498739 | Lang: NA
-
जनमेजय
Meanings: 32; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.007347234 | Lang: NA
-
खंड ५ - अध्याय १५
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.006927038 | Lang: NA
-
अध्याय तिसरा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
Type: PAGE | Rank: 0.006927038 | Lang: NA
-
अध्याय ७० वा - श्लोक २१ ते २५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.006927038 | Lang: NA
-
देवी स्तोत्र - भगवतीपद्यपुष्पांजलिस्तोत्र
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
Type: PAGE | Rank: 0.006927038 | Lang: NA
-
स्कंध ९ वा - अध्याय २२ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
Type: PAGE | Rank: 0.006927038 | Lang: NA
-
अध्याय पंधरावा
केशवसुतांच्या काव्यांवर क्रांतिकारक विचारांचा, स्वातंत्र्यवादाचा, मानवधर्माचा आणि आत्मनिष्ठेचा प्रभाव आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.006927038 | Lang: NA
-
पातालखण्डः - अध्यायः ५२
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.006927038 | Lang: NA