-
पञ्च-ब्रह्म
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 7.657202 | Lang: NA
-
ब्रह्म उपनिषद्
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 5.898346 | Lang: NA
-
निर्गुण ब्रह्म
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 5.827587 | Lang: NA
-
पञ्च-ब्रह्म उपनिषद्
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 5.549961 | Lang: NA
-
सगुण ब्रह्म
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 5.516105 | Lang: NA
-
ब्रह्म उपनिषद
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 5.392695 | Lang: NA
-
निर्गूण ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 5.341062 | Lang: NA
-
पञ्च-ब्रह्म उपनिषद
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 5.218503 | Lang: NA
-
ब्रह्म
Meanings: 196; in Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 5.139402 | Lang: NA
-
ब्रह्म सावर्णि मनु
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 5.107946 | Lang: NA
-
सगूण ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 3.50485 | Lang: NA
-
सरूप ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
साकार ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
अरूप ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
निराकार ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
निर्गुणी ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
निर्विकार ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
पंच-ब्रह्म
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
पंच-ब्रह्म उपनिषद
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
पंच-ब्रह्म उपनिषद्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.819626 | Lang: NA
-
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग - मंगल मांगल्य ब्रह्म हें स...
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग संत निवृत्तीनाथ हे संत ज्ञानेश्वर महाराजांचे थोरले बंधू होत.सर्वसामान्य जनतेला संस्कृत भाषेतील भगवद्गीता समजत नव्हती म्हणून निवृत्तीनाथांनी ज्ञानेश्वरांना प्राकृत(मराठी)भाषेत लिहीण्यास सांगितली, तीच "ज्ञानेश्वरी". The eldest, Nivrutti, joined the nath sect and became Nivruttinath. He also become the guru of Dnyaneshwar. He, at the age of fourteen, instructed Dnyaneshwar, who was twelve, to write a commentry on the Bhagavad Gita
Type: PAGE | Rank: 2.755788 | Lang: NA
-
बुवा तेथें बाया आणि ब्रह्म तेथें माया
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.755788 | Lang: NA
-
ब्रह्म प्राप्त होणें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.755788 | Lang: NA
-
ब्रह्म मिळणें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.755788 | Lang: NA
-
ब्रह्म सत्य जग मिथ्या
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.755788 | Lang: NA
-
ब्रह्म सांपडणें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.755788 | Lang: NA
-
ब्रह्म हातीं लागणें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 2.755788 | Lang: NA
-
चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास दूसरा - ब्रह्मनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
Type: PAGE | Rank: 2.742418 | Lang: NA
-
भजन - तू ब्रह्म चीन्हो रे ब्रह्...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 2.739828 | Lang: NA
-
संत जनाबाई - विटेवरी ब्रह्म दिस । साधु...
जनाबाई, दासीपणाची कामे करीत असताना तिच्या मनाने, अभंगांतून आध्यात्मिक प्रगती आणि पारमार्थिक उन्नती केली.
Type: PAGE | Rank: 2.739828 | Lang: NA
-
ब्रह्म - शापविमोचन
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
Type: PAGE | Rank: 2.73709 | Lang: NA
-
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग - योगियांचे धन तें ब्रह्म स...
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग संत निवृत्तीनाथ हे संत ज्ञानेश्वर महाराजांचे थोरले बंधू होत.सर्वसामान्य जनतेला संस्कृत भाषेतील भगवद्गीता समजत नव्हती म्हणून निवृत्तीनाथांनी ज्ञानेश्वरांना प्राकृत(मराठी)भाषेत लिहीण्यास सांगितली, तीच "ज्ञानेश्वरी". The eldest, Nivrutti, joined the nath sect and became Nivruttinath. He also become the guru of Dnyaneshwar. He, at the age of fourteen, instructed Dnyaneshwar, who was twelve, to write a commentry on the Bhagavad Gita
Type: PAGE | Rank: 2.731848 | Lang: NA
-
भजन - ब्रह्म मैं ढूँढ़्यौ पुरानन...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 2.731848 | Lang: NA
-
संत जनाबाई - शब्दाचें ब्रह्म लौकिकी हो...
जनाबाई, दासीपणाची कामे करीत असताना तिच्या मनाने, अभंगांतून आध्यात्मिक प्रगती आणि पारमार्थिक उन्नती केली.
Type: PAGE | Rank: 2.731848 | Lang: NA
-
भक्ति गीत कल्पतरू - मना तुं ब्रह्म पाही तें ।...
खास हितचिंतक व प्रेमळ भगिनींसाठी श्रीमती हरिभक्तपरायण वारूताई कागलकर कृत भजनांची " कल्पतरू " सुमनावली.
Type: PAGE | Rank: 2.731447 | Lang: NA
-
चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास चौथा - विमलब्रह्मनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
Type: PAGE | Rank: 2.728518 | Lang: NA
-
चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास तीसरा - चतुर्दशब्रह्मनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
Type: PAGE | Rank: 2.725805 | Lang: NA
-
भक्ति गीत कल्पतरू - सदा सत्चिदरुप ब्रह्म । म...
खास हितचिंतक व प्रेमळ भगिनींसाठी श्रीमती हरिभक्तपरायण वारूताई कागलकर कृत भजनांची " कल्पतरू " सुमनावली.
Type: PAGE | Rank: 2.723869 | Lang: NA
-
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग - ब्रह्मांड करी हरि ब्रह्म ...
संत निवृत्तीनाथ हे संत ज्ञानेश्वर महाराजांचे थोरले बंधू होत.सर्वसामान्य जनतेला संस्कृत भाषेतील भगवद्गीता समजत नव्हती म्हणून निवृत्तीनाथांनी ज्ञानेश्वरांना प्राकृत(मराठी)भाषेत लिहीण्यास सांगितली, तीच "ज्ञानेश्वरी". The eldest, Nivrutti, joined the nath sect and became Nivruttinath. He also become the guru of Dnyaneshwar. He, at the age of fourteen, instructed Dnyaneshwar, who was twelve, to write a commentry on the Bhagavad Gita
Type: PAGE | Rank: 2.723869 | Lang: NA
-
भजन - ब्रह्म विष्णू आणि महेश्व...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
Type: PAGE | Rank: 2.723869 | Lang: NA
-
चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास पाचवां - द्वैतकल्पनानिरसनननाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
Type: PAGE | Rank: 2.723869 | Lang: NA
-
देवीची आरती - स्वेच्छे ब्रह्म तुं स्फुर...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. Aarti, arti, arathi, or arati is a Hindu ritual, and is generally accompanied by the singing of songs in praise of that God or Goddess.
Type: PAGE | Rank: 2.719879 | Lang: NA
-
श्री कल्याण स्तवन - अविनाश ब्रह्म जें कां । न...
रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
Type: PAGE | Rank: 2.719879 | Lang: NA
-
भक्ति गीत कल्पतरू - तें ब्रह्म होय केव्हा । म...
खास हितचिंतक व प्रेमळ भगिनींसाठी श्रीमती हरिभक्तपरायण वारूताई कागलकर कृत भजनांची " कल्पतरू " सुमनावली.
Type: PAGE | Rank: 2.719879 | Lang: NA
-
देवीची आरती - स्वेच्छे ब्रह्म तूं कौतुकनट क...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. Aarti, arti, arathi, or arati is a Hindu ritual, and is generally accompanied by the singing of songs in praise of that God or Goddess.
Type: PAGE | Rank: 2.715889 | Lang: NA
-
श्रीदत्तात्रेयाचे अभंग - आदिअंतीं एक ब्रह्म । मध्य...
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे. Dattatreya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
Type: PAGE | Rank: 2.715889 | Lang: NA
-
भजन - ब्रह्म सनातन सगुण रुपाने ...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
Type: PAGE | Rank: 2.715889 | Lang: NA
-
चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास छठवां - बद्धमुक्तनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
Type: PAGE | Rank: 2.71403 | Lang: NA
-
चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास सातवां - साधनप्रतिष्ठानिरूपणननाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
Type: PAGE | Rank: 2.712897 | Lang: NA
-
श्री गुरूचे पद - ब्रह्म वैराग्य लक्षण । सि...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
Type: PAGE | Rank: 2.711899 | Lang: NA