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झिलमिल -झिलमिल बरसै नूरा ...

भजन - झिलमिल -झिलमिल बरसै नूरा ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


झिलमिल-झिलमिल बरसै नूरा, नूर-जहूर सदा भरपूरा ॥

रुनझुन-रुनझुन अनहद बाजै, भँवर गुँजार गगन चढ़ि गाजै ॥

रिमझिम-रिमझिम बरसै मोती, भयो प्रकस इरंतर जोती ।

निर्मल निर्मल निर्मल नामा, कह 'यारी' तहँ लियो बिस्त्रामा ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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