मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ११ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ११ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ११ Translation - भाषांतर [२ फार्शी शिक्के व सात ओळी फार्शी मजकूर]श. १५०९-१०इ. १५८७-८८ई कौळू-दादे रख्तखाने सैद सादत सैद बाबा पोदखदी बिन सैद माहमद बोधला परिजादे इनामदार मौजे चिचवली तपे परहूर मामले मुर्तजाबाद उरुफ चेऊल ताहा पदाजी बाबजी खेत्री सो॥ कसबे मजकुरु सु॥ सन समान समानीन व तिसमैया कारर्णे कौलदादे यैसाजे तुम्हास सारी फांगार देखील लागवट मौजे मजकुरु आपली मिरास विकत दिधली तीस रकम महसूल देखील कारुक सीगौटी बोखारटका व वेठी बेगार व जाबीतफर्मास व पिटिया सारे कदीम व जदीद व हरयेक बाब सारे मोईन योकदर दुर्ग स्यावणीची तसबीस लागो नेदू व खणते व आवीत व पाणवेठिया देखील रकम महसूल भात+खडि येक गावेली दीजे हेण्हे कौले खारी मजकुरीस कीर्द मामुरी कीजे हा कौल पाळून जाणिजे या कौलास तकरार करु तर आम्हास आपले पिराजी आण हा कौल सही भात खडी येक दर हरसाल दीजे गावैली - भात खडि खारी मजकुरी प्रजा वसावेया चीचवली मजकुरीच टेंबमाज जा घरे दाहा बाराची जागा भुई टेब दीधले असेत्यास घर देणे व कोहोले व कोबडे ने घो हा कौल सही [पांच फार्शी सह्या] N/A References : N/A Last Updated : February 11, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP