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वेलातिलङ्घ्यकरुणे विबुधेन...

बालाम्बिकाष्टकम् - वेलातिलङ्घ्यकरुणे विबुधेन...

देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती  होय.
Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.


वेलातिलङ्घ्यकरुणे विबुधेन्द्रवन्द्ये
लीलाविनिर्मितचराचरहृन्निवासे ।
मालाकिरीटमणिकुण्डल मण्डिताङ्गे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥१॥
कंजासनादिमणिमञ्जुकिरीटकोटि
प्रत्युप्तरत्नरुचिरञ्जितपादपद्मे ।
मञ्जीरमञ्जुलविनिर्जितहंसनादे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥२॥
प्रालेयभानुकलिकाकलितातिरम्ये
पादाग्रजावलिविनिर्जितमौक्तिकाभे ।
प्राणेश्वरि प्रमथलोकपतेः प्रगल्भे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥३॥
जङ्घादिभिर्विजितचित्तजतूणिभागे
रम्भादिमार्दवकरीन्द्रकरोरुयुग्मे ।
शंपाशताधिकसमुज्वलचेललीले
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥४॥
माणिक्यमौक्तिकविनिर्मितमेखलाढ्ये
मायाविलग्नविलसन्मणि पट्टबन्धे ।
लोलंबराजिविलसन्नवरोमजाले
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥५॥
न्यग्रोधपल्लवतलोदरनिम्ननाभे
निर्धूतहारविलसत्कुचचक्रवाके ।
निष्कादिमञ्जुमणिभूषणभूषिताङ्गे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥६॥
कन्दर्पचापमदभङ्गकृतातिरम्ये
भ्रूवल्लरीविविधचेष्टित रम्यमाने ।
कन्दर्पसोदरसमाकृतिफालदेशे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥७॥
मुक्तावलीविलसदूर्जितकम्बुकण्ठे
मन्दस्मिताननविनिर्जितचन्द्रबिम्बे ।
भक्तेष्टदाननिरतामृतपूर्णदृष्टे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥८॥
कर्णावलम्बिमणिकुण्डलगण्डभागे
कर्णान्तदीर्घनवनीरजपत्रनेत्रे ।
स्वर्णायकादिमणिमौक्तिकशोभिनासे
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥९॥
लोलम्बराजिललितालकजालशोभे
मल्लीनवीनकलिकानवकुन्दजाले ।
बालेन्दुमञ्जुलकिरीटविराजमाने
बालाम्बिके मयि निधेहि कृपाकटाक्षम् ॥१०॥
बालाम्बिके महाराज्ञी वैद्यनाथप्रियेश्वरी ।
पाहि मामम्ब कृपया त्वत्पादं शरणं गतः ॥११॥
॥ इति स्कान्दे वैद्यनाथमाहात्म्ये श्रीबालाम्बिकाष्टकस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

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Last Updated : July 11, 2016

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