म मनाचे श्लोक | Show All दशक पहला - स्तवणनाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - अनुक्रमणिका 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ग्रंथ परिचय 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास पहला मंगलाचरण ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास दूसरा गणेशस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास तीसरा शारदास्तवननाम । इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास चौथा सद्गुरुस्तवननाम । इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास पांचवा संतस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास छठवां श्रोतेस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास सातवा कवीश्वरस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास आठवां सभास्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास नववां परमार्थस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: स्तवणनाम - ॥ समास दसवां नरदेहस्तवननिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Type: | Rank: 0 | Lang: दशक दूसरा - मूर्खलक्षणनाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Type: | Rank: 0 | Lang: मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास पहला - मूर्खलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Type: | Rank: 0 | Lang: मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास दूसरा - उत्तमलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Type: | Rank: 0 | Lang: मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास तीसरा - कुविद्यालक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Type: | Rank: 0 | Lang: मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास चौथा - भक्तिनिरुपणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Type: | Rank: 0 | Lang: मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास पांचवां - रजोगुणलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Type: | Rank: 0 | Lang: मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास छठवां - तमोगुणलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Type: | Rank: 0 | Lang: | Show All Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP