विजय n. (सो. अनु.) एक राजा, जो बृहन्मनस् राजा का पुत्र था । इसकी माता का नाम सत्या था ।
विजय II. n. (सू. निमि.) एक राजा, जो भागवत, विष्णु एवं वायु के अनुसार जय राजा का पुत्र था । इसके पुत्र का नाम ऋत (ऋ.त) था
[भा. ९.१३.२५] ।
विजय III. n. (सो. क्षेत्र.) एक राजा, जो भागवत एवं विष्णु के अनुसार सृंजय राजा पुत्र था । वायु में इसे सृंजय राजा का पौत्र, एवं जय राजा का पुत्र कहा गया है ।
विजय IV. n. (सो. पुरूरवस्.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार पुरूरवस् एवं उर्वशी का पुत्र था । इसके पुत्र का नाम भीम था
[भा. ९.१५.१-३] । अन्यत्र इसे ‘अमावसु’ कहा गया है ।
विजय IX. n. कृष्ण एवं जांबवती के पुत्रों में से एक ।
विजय V. n. (सो. वसु.) एक यादव राजा, जो वसुदेव एवं उपदेवी का पुत्र था
[मत्स्य. ४६.१७] ।
विजय VI. n. (सो. अनु.) एक राजा, जो भागवत, विष्णु, वायु एवं मत्स्य के अनुसार जयद्रथ राजा का पुत्र था । इसके---का नाम धृति था । पानं नं . 841.
विजय VII. n. (सू. इ.) एक क्षत्रियविजेता सम्राट्, जो भागवत के अनुसार चंप राजा का, एवं वायु, विष्णु एवं भविष्य के अनुसार चंचु राजा का पुत्र था । इसके पुत्र का नाम रुरुक था ।
विजय VIII. n. विष्णु के जय-विजय नामक दो द्वारपालों में से एक (जय-विजय देखिये) ।
विजय X. n. ०. विष्णु का एक पार्षद
[भा. ८.२१.१६] ।
विजय XI. n. १. (आंध्र. भविष्य.) एक आंध्रंवंशीय राजा, जो यज्ञश्री (यज्ञ) राजा का पुत्र था । इसके पुत्र का नाम चंद्रविज्ञ था । इसके छः वर्षों तक राज्य किया था
[भा. १२.१.२७] विजय XII. n. २. राम दशरथि राजा के अष्टप्रधानों में से एक ।
विजय XIII. n. ३. राम दशरथि राजा की सभा का एक विदूषक।
विजय XIV. n. ४. भव्य देवों में से एक ।
विजय XIX. n. ९. (सू. इ.) एक राजा, जो सुदेव राजा का पुत्र, एवं भरुक राजा का पिता था
[भा. ९.८.१] ।
विजय XV. n. ५. पृथक देवों में से एक ।
विजय XVI. n. ६. एक यक्ष, जो मणिवर एवं देवजनी के पुत्रों में से एक था
[ब्रह्मांड. ३.७.१३०] ।
विजय XVII. n. ७. अज्ञातवास के समय अर्जुन के द्वारा धारण किया गया एक गुप्त सांकेतिक नाम
[म. वि. ५.३०] । अर्जुन के सुविख्यात नामांतरों में से ‘विजय’ एक था, एवं इसी नाम से उसने कालकेयों को परास्त किया था
[भा. १.९.३३] ।
विजय XVIII. n. ८. धृतराष्ट्र के शतपुत्रों में से एक । भारतीय युद्ध में इसने जय एवं दुर्जय नामक अपने भाईयों को साथ ले कर, नील, काश्य एवं जयत्सेन राजाओं से युद्ध किया था
[म. द्रो. २४.४३] ।
विजय XX. n. ०. मगधदेश का एक ब्राह्मण, जिसने घटोत्कचपुत्र बर्बरिक को देवी की कृपा प्राप्त करानें में सहाय्यता दी थी
[स्कंद. १.२.६०-६६] ।
विजय XXI. n. १. लोकाक्षि नामक शिवावतार का एक शिष्य।
विजय XXII. n. २. भैरववंश में उत्पन्न वाराणसी नगरी का एक राजा, जिसने खाण्डवी नगरी नष्ट कर, वहाँ खाण्डववन का निर्माण किया था । पश्र्चात् वह वन इसने इंद्र को क्रीडा करने के लिए दिया। इसके कुल तेरह पुत्र थे, जिनमें उपरिचर सर्वाधिक बलवान् एवं धार्मिक था
[कालि. ९२] ।